हाल ही में प्रॉपर्टी और जमीन के बंटवारे (Property Partition Rules) के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य प्रॉपर्टी बंटवारे को पारदर्शी, विवाद-मुक्त और न्यायसंगत बनाना है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।1 , 2024 से लागू इन नए नियमों के तहत दस्तावेज तैयार करने और प्रॉपर्टी के मूल्यांकन से लेकर पंजीकरण तक की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है।
Property Partition Rulesनए नियम के मुताबिक, अब प्रॉपर्टी बंटवारे के लिए विस्तृत दस्तावेज तैयार करना अनिवार्य होगा। इस दस्तावेज में प्रॉपर्टी का पूरा विवरण, स्वतंत्र मूल्यांकन और बंटवारे का तरीका स्पष्ट रूप से लिखा जाएगा। साथ ही, सभी संबंधित पक्षों की सहमति और हस्ताक्षर भी इस दस्तावेज का हिस्सा होंगे।
Property Partition Rules की प्रमुख विशेषताएंप्रॉपर्टी बंटवारे की प्रक्रिया अब ज्यादा न्यायसंगत और पारदर्शी हो गई है। स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता द्वारा प्रॉपर्टी का मूल्यांकन किया जाएगा, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया निष्पक्ष होगी। बंटवारा दस्तावेज पर सभी पक्षों की सहमति आवश्यक होगी, और सभी लेन-देन का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा, सभी दस्तावेजों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा ताकि भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में सटीक जानकारी उपलब्ध हो सके।
दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रियानए नियमों के तहत दस्तावेज तैयार करने में कुछ मुख्य चरण शामिल हैं। सबसे पहले, प्रॉपर्टी का विस्तृत विवरण तैयार किया जाएगा, जिसमें उसका स्थान, क्षेत्रफल और अन्य जरूरी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद, स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता द्वारा बाजार दर के आधार पर प्रॉपर्टी का मूल्यांकन किया जाएगा।
बंटवारे का विस्तृत प्रस्ताव तैयार करके संबंधित पक्षों की सहमति ली जाएगी। इसके बाद, वकील द्वारा दस्तावेज का कानूनी सत्यापन किया जाएगा। सभी पक्षों के हस्ताक्षर और दो गवाहों की उपस्थिति में दस्तावेज का पंजीकरण संबंधित सरकारी कार्यालय में किया जाएगा।
कानूनी और डिजिटल सुधारनए नियमों में सभी कानूनी वारिसों को समान अधिकार दिए गए हैं, चाहे वे पुरुष हों या महिला। यदि किसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है, तो मध्यस्थता का प्रावधान है, जिससे कोर्ट में लंबी प्रक्रियाओं से बचा जा सकेगा। डिजिटल रिकॉर्ड रखना अब अनिवार्य है, जिससे दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे और भविष्य में कभी भी उन्हें आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। इसके अलावा, प्रक्रिया की समय सीमा 90 दिन निर्धारित की गई है, जिससे बंटवारा जल्दी और प्रभावी तरीके से पूरा हो सके।
(FAQs)1. क्या सभी प्रकार के प्रॉपर्टी बंटवारे पर ये नियम लागू होंगे? हां, ये नियम सभी प्रकार के प्रॉपर्टी और जमीन बंटवारे पर लागू होंगे।
2. मूल्यांकन कौन करेगा? प्रॉपर्टी का मूल्यांकन एक स्वतंत्र और प्रमाणित मूल्यांकनकर्ता द्वारा किया जाएगा।
3. डिजिटल रिकॉर्ड का क्या महत्व है? डिजिटल रिकॉर्ड दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और भविष्य में विवादों के समाधान में मदद करता है।
4. यदि असहमति हो तो क्या किया जाएगा? असहमति की स्थिति में मध्यस्थता का प्रावधान किया गया है।
नए प्रॉपर्टी बंटवारे के नियम प्रक्रिया को पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इन बदलावों से कानूनी जटिलताएं कम होंगी और प्रॉपर्टी बंटवारे में तेजी आएगी। यह नियम सभी पक्षों के लिए न्यायसंगत और लाभदायक साबित होंगे।
You may also like
कही से भी मिल जाये ये बीज तो तुरंत घर ले आये, आयुर्वेद में क्यों कहते है इसे कलयुग में धरती की संजिवनी; अभी जानिए ˠ
Cyber attacks on India: पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ने पर हैकर्स ने बढ़ाईं साइबर घुसपैठ की कोशिशें
मार्केट आउटलुक: भारत-पाक तनाव, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से अगले हफ्ते तय होगा बाजार का रुझान
OnePlus 13 : की नई कीमत व AI फीचर्स जानकर रहे जायेंगे हैरान
सीज फायर उल्लंघन की खबर सुन आहत दीपिका कक्कड़ ने पुराने दिनों को किया याद