UP Marriage Scheme: राज्य सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है जिसके तहत अब मत्स्य पालन करने वालों को अपनी बेटियों की शादी में वित्तीय मदद के रूप में 51 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य उन मत्स्य पालकों को मदद पहुंचाना है, जिनकी आर्थिक स्थिति शादी के लिए जरूरी खर्च जुटाने में मुश्किलें पेश आती हैं।
इस योजना के तहत, राज्य सरकार मत्स्य पालन करने वाले परिवारों को हर बेटी की शादी में 51 हजार रुपये की सहायता देगी। इसमें से 35,000 रुपये कन्या के खाते में जमा किए जाएंगे और शेष 16,000 रुपये शादी के खर्च के लिए दिए जाएंगे। यह सहायता उन मत्स्य पालकों को मिलेगी जिनकी सालाना आय दो लाख रुपये से कम है और जो कम से कम एक साल से मत्स्य पालन के व्यवसाय में लगे हुए हैं।
योजना के लाभार्थी कौन होंगे?यह योजना विशेष रूप से उन मत्स्य पालकों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जातियों के लोग पात्र होंगे, जिनमें केवट, आखेटक, मल्लाह, निषाद, बिंद जैसी जातियां शामिल हैं। यह कदम राज्य सरकार ने समाज के इन तबकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से उठाया है।
मत्स्य पालकों ने जताई खुशीइस योजना के लागू होने से राज्य के मत्स्य पालकों में खुशी की लहर है। प्रतापगढ़ जिले में लगभग 3,000 से अधिक मत्स्य पालक पंजीकृत हैं। इन मत्स्य पालकों का कहना है कि यह योजना उनके लिए एक बड़ा सहारा साबित होगी, खासकर उन परिवारों के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और शादी के लिए पर्याप्त पैसे जुटाने में सक्षम नहीं होते। सरकार द्वारा दी जाने वाली यह वित्तीय सहायता उनकी बेटी की शादी को सहज और सरल बनाएगी।
राज्य सरकार का उद्देश्यराज्य सरकार का उद्देश्य है कि गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए और उन्हें जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में सहारा मिले। इस योजना से न सिर्फ मत्स्य पालन करने वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि समाज के अन्य तबकों को भी यह संदेश मिलेगा कि सरकार उनकी भलाई के लिए लगातार काम कर रही है।
राज्य सरकार के इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक मदद मिल सके और वे अपनी बेटियों की शादी जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर किसी प्रकार की वित्तीय कठिनाइयों का सामना न करें। यह योजना समाज के विकास और कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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