देवेंद्र शर्मा @ भोपाल. क्या आप जानते हैं जो आइसक्रीम आप खा रहे हैं, वो आपके दिल-लीवर के लिए खतरनाक है। राजधानी भोपाल में देश की बड़ी कंपनियां आइसक्रीम के नाम पर घी-तेल खिला रही हैं। वनस्पति घी-ऑयल में चॉकलेट-वनीला-स्ट्राबेरी जैसे फ्लेवर मिलाकर आइसक्रीम बनाने वाली कंपनियों ने खुद को कानूनी पचड़े से बचाने के लिए पैक पर ‘फ्रोजन डिसर्ट कंटेन एडेबल ऑयल’ का टैग लगा रखा है।
आम लोग इस टैग का मतलब नहीं समझ पाते कि पूरी आइसक्रीम ही वनस्पति घी या तेल से बनी है। आइसक्रीम पर छपे टैग का मतलब है कि तेल-घी से बनाया गया मीठा पदार्थ। बहरहाल सच्चाई जांचने के खाद्य विभाग की लैब में नामचीन ब्रांड की आइसक्रीम की जांच कराई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आइसक्रीम में मिल्क फैट की मात्रा 16 फीसदी होनी चाहिए, लेकिन घी-तेल वाली आइसक्रीम में यह मात्रा सिर्फ 5.5 प्रतिशत मिली। शेष वनस्पति घी और विभिन्न फ्लेवर का मिश्रण था। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसी आइसक्रीम खाने से दिल और लिवर के खतरे बढ़ जाते हैं, साथ ही मोटापा भी तेजी से बढ़ता है।
कंपनिया दूध की बजाय इस्तेमाल कर रही खतरनाक केमिकल, वनस्पति घी, तेल जो दिल और लीवर,कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी पैदा कर रही है
घी वाली आइसक्रीम से खतरे
क्वालिटी प्रोडक्ट नहीं होते फ्रोजन डिसर्टफ्रोजन डिसर्ट
यानी वनस्पति घी को जमाकर बनाया गया प्रोडक्ट। ऐसे प्रोडक्ट में क्रीम के नाम पर अव्वल कुछ होता नहीं है, या फिर नाममात्र की क्रीम मिलाई जाती है। जांच में सामने आया कि नामचीन कंपनियों की कुछ आइसक्रीम में क्रीम की मात्रा मौजूद थी, जबकि कुछ प्रोडक्ट में नदारद। ऐसी आइसक्रीम लगातार खाने से हार्ट अटैक और लिवर फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।
असली आइसक्रीम का मतलब समझिए
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेग्यूलेशन एक्ट-2011 के अनुसार असली आइसक्रीम में सिर्फ दूध, दूध से बने प्रोडक्ट, शक्कर और मनचाहा फ्लेवर होना चाहिए। नियमानुसार 16 फीसदी मिल्क क्रीम होनी चाहिए। यह आइसक्रीम बनाना खर्चीला होता है, साथ ही कसावट भी कमजोर होती है। इसलिए घी-तेल का इस्तेमाल होने लगा।
घी-तेल वाली में क्रीम नहीं होती
फ्रोजन डिजर्ड दरअसल, फल-फूल-सब्जियों से बनाए गए वनस्पति घी में मिल्क क्रीम की थोड़ी मात्रा मिलाकर बनाया जाता है। पड़ताल में सामने आया कि फ्रोजन डिसर्ट बनाने में ग्राउंड नट्स ऑयल, कॉटन नट्स ऑयल, सन फ्लॉवर ऑयल, मस्टर्ड सोया का इस्तेमाल किया गया है।
जांच का निष्कर्ष
इनका कहना है…
वेजिटेबल ऑयल व वनस्पति घी से बनी आइसक्रीम खाने से सबसे बड़ा नुकसान तो शरीर में एलडीएल यानी खराब वसा बढऩे के तौर पर सामने आता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । यह कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है। शरीर में जम जाता है, धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ाकर दिल के लिए खतरा बनता है। – डॉ. आदर्श वाजपेयी, मेडिसिन
फ्रोजन डिजर्ट खाना वनस्पति घी का सेवन करने जैसा है। ऐसी आइसक्रीम ज्यादा खाने से न सिर्फ दिल, बल्कि लिवर भी प्रभावित होता है। जाहिर है कि पाचन शक्ति बिगड़ेगी और शरीर के तमाम अंग प्रभावित होंगे। -डॉ. शौकत आबिद, गैस्ट्रोलॉजिस्ट
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