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सर्दियों में धूप की कमी से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है असर

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सर्दियों में धूप से दूरी का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव सर्दियों में धूप से दूरी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

सर्दियों में ठंड के चलते कई लोग घर में रहना पसंद करते हैं और धूप से दूर रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है? विशेषज्ञों के अनुसार, सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन डी न केवल हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


सूरज की रोशनी से शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जिसे 'हैप्पी हार्मोन' कहा जाता है। यह हार्मोन मूड को बेहतर बनाने और अवसाद को कम करने में सहायक होता है। सर्दियों में जब लोग धूप में कम समय बिताते हैं, तो सेरोटोनिन का स्तर गिर सकता है, जिससे चिंता, अवसाद और तनाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, जिससे धूप में समय बिताने का अवसर कम हो जाता है। लेकिन धूप से दूर रहना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


सूरज की रोशनी क्यों आवश्यक है?
सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत है। यह न केवल हड्डियों को मजबूत करता है, बल्कि मस्तिष्क को भी सक्रिय रखता है।
धूप से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है, जो अवसाद और उदासी को कम करने में मदद करता है।
सूरज की रोशनी मेलाटोनिन हार्मोन को नियंत्रित करती है, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।


धूप में समय बिताने के सुझाव:
* सुबह की धूप में 15-20 मिनट बिताएं।
* ऑफिस जाने से पहले कुछ समय खुली धूप में टहलें।
* घर में ऐसी जगह बैठें जहां सूरज की रोशनी आती हो।


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