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बस में महिला और युवक के बीच विवाद का वायरल वीडियो: सामाजिक सोच पर सवाल

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महिला और युवक के बीच विवाद

महिला की लड़ाई का वीडियो Image Credit source: Social Media

हाल के वर्षों में समाज में यह धारणा बढ़ती जा रही है कि महिलाएं विवादों में वुमन कार्ड का सहारा लेती हैं, जिससे पुरुषों में उनके प्रति एक दूरी और सतर्कता उत्पन्न हो गई है। अब पुरुष किसी भी महिला के साथ बातचीत में सावधानी बरतते हैं, चाहे वह अजनबी हो या परिवार की सदस्य।

पुरुषों का कहना है कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कानून हैं, लेकिन जब उन पर झूठे आरोप लगते हैं, तो उनके पास कोई ठोस कानूनी सहारा नहीं होता। यह बात कई बार सही भी लगती है, क्योंकि कानून के दुरुपयोग की घटनाएं सामने आई हैं।

विवाद की शुरुआत

हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक बस के अंदर एक युवक और दो बच्चों की मां के बीच तीखी बहस होती है। बस में अन्य यात्री भी मौजूद हैं, और माहौल तनावपूर्ण हो जाता है।

महिला युवक पर आरोप लगाती है कि उसने बस के हैंडल को इस तरह पकड़ा है कि वह असहज महसूस कर रही है। हालांकि, वीडियो में यह स्पष्ट है कि दोनों के बीच लगभग एक से दो फुट की दूरी है। ऐसे में महिला को किस बात से परेशानी हो रही थी, यह स्पष्ट नहीं है।

वीडियो देखें

युवक का कहना था कि उसने कुछ गलत नहीं किया और वह अपना हाथ नहीं हटाएगा। उसने यह भी कहा कि अब पुरुष समाज महिलाओं से डरने लगा है। यह वाक्य कई लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है।

कई लोगों ने इस घटना को समानता की बहस से जोड़ा है। उनका कहना है कि जब महिलाएं समानता की बात करती हैं, तो उन्हें यह भी समझना चाहिए कि समानता का मतलब है—दोनों के लिए समान अधिकार और जिम्मेदारियां। यह घटना केवल एक बस के झगड़े की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी सामाजिक सोच को उजागर करती है।


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