हर व्यक्ति अपने लिए एक घर खरीदने का सपना देखता है। कुछ लोग इस सपने को पूरा करने के लिए ऋण लेते हैं, जबकि अन्य प्रॉपर्टी के दामों में गिरावट का इंतजार करते हैं। वर्तमान में, कई शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में काफी कमी आई है, जिससे लेन-देन में वृद्धि हुई है। कई लोग इस अवसर का लाभ उठाकर सस्ती प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं। हालांकि, कुछ शहरों में प्रॉपर्टी के दाम तेजी से बढ़े हैं।
प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट वाले शहर
हाउस प्राइस इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में कमी आई है, जबकि अन्य में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, पिछले दो तिमाहियों में लखनऊ में 3.55 प्रतिशत और कानपुर में 4.32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, तीसरी तिमाही में कानपुर में प्रॉपर्टी के दामों में 2 प्रतिशत की कमी आई है। लखनऊ में भी इसी समय के दौरान मामूली वृद्धि हुई है। बंगलुरू में प्रॉपर्टी के दामों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कानपुर से लगभग दोगुना है।
बढ़ते प्रॉपर्टी रेट्स
इस वर्ष की दूसरी तिमाही में हाउस प्राइस इंडेक्स (HPI) में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले तिमाही में 3.3 प्रतिशत थी। एक साल पहले यह वृद्धि 3.5 प्रतिशत थी। विभिन्न शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में काफी भिन्नता देखी गई। बंगलूरू में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कानपुर में 2 प्रतिशत की कमी आई। अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता और चेन्नई में भी मामूली 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दिलचस्प बात यह है कि पहली तिमाही में लखनऊ की तुलना में कानपुर में कीमतों में सात गुना अधिक वृद्धि हुई थी।
हाउस प्राइस इंडेक्स की रिपोर्ट
हाउस प्राइस इंडेक्स की 10 शहरों की रिपोर्ट-
- अहमदाबाद 8.65 प्रतिशत
- कानपुर 4.08 प्रतिशत
- बंगलूरू 8.46 प्रतिशत
- कोच्चि 5.59 प्रतिशत
- दिल्ली 1.72 प्रतिशत
- कोलकाता 8.92 प्रतिशत
- चेन्नई 5.26 प्रतिशत
- लखनऊ 0.78 प्रतिशत
- जयपुर 2.46 प्रतिशत
- मुंबई 0.38 प्रतिशत
मूल्य सूचकांक (HPI) रिपोर्ट का महत्व-
आरबीआई द्वारा तैयार किया गया आवास मूल्य सूचकांक (एचपीआई) निवेशकों को व्यापक आर्थिक घटनाओं और शेयर बाजार में संभावित परिवर्तनों पर नजर रखने में मदद करता है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद, कोच्चि, बंगलूरू, कानपुर, मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, लखनऊ, चेन्नई, और जयपुर का औसत गृह मूल्य सूचकांक तैयार किया गया है। यह सूचकांक संपत्ति मूल्य लेनदेन के आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है, जिसे राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा एकत्र किया जाता है।
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