आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में दिल से जुड़ी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अस्वस्थ खान-पान, बढ़ते प्रदूषण और तनावपूर्ण जीवनशैली को इसके प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
ब्लड ग्रुप का दिल की सेहत पर प्रभाव
हाल ही में एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने यह दर्शाया है कि आपका ब्लड ग्रुप भी हार्ट अटैक के जोखिम को प्रभावित कर सकता है। इस रिसर्च में लगभग चार लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह पाया गया कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O नहीं है, उनमें दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है। विशेष रूप से, ब्लड ग्रुप A और B वाले लोग सबसे अधिक जोखिम में पाए गए।
आंकड़ों की रोशनी में
स्टडी के अनुसार:
- ब्लड ग्रुप A और B वाले लोगों को O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा 8% अधिक होता है।
- हार्ट फेलियर के मामले में, A ब्लड ग्रुप वालों को O ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में 11% अधिक खतरा होता है।
- B ब्लड ग्रुप वालों को O ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का रिस्क 15% तक अधिक होता है।
A और B ब्लड ग्रुप वालों का उच्च जोखिम
अब सवाल यह है कि ब्लड ग्रुप का दिल की सेहत से क्या संबंध है? इसका वैज्ञानिक कारण खून के थक्के जमने की प्रवृत्ति से जुड़ा है।
रिसर्च के अनुसार, A और B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में खून का थक्का जमने की संभावना लगभग 44% अधिक होती है। जब शरीर में थक्के बनते हैं, तो ये दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों को अवरुद्ध कर सकते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
स्वास्थ्य के लिए सावधानी बरतें
यह जानना महत्वपूर्ण है कि ब्लड ग्रुप केवल एक जोखिम कारक है, जिसे आप बदल नहीं सकते। इसका मतलब यह नहीं है कि यदि आपका ब्लड ग्रुप A या B है, तो आपको हार्ट अटैक होगा।
आपकी जीवनशैली सबसे महत्वपूर्ण है, जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं। अपने ब्लड ग्रुप को एक चेतावनी के रूप में लें और दिल की सेहत के प्रति सजग रहें।
- संतुलित आहार लें: फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करें: हफ्ते में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
- तनाव से दूर रहें: योग और ध्यान के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें।
- नियमित जांच कराएं: ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराते रहें।
स्वस्थ आदतें अपनाकर आप ब्लड ग्रुप से जुड़े किसी भी जेनेटिक जोखिम को कम कर सकते हैं और एक लंबा, स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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