नई दिल्ली: टैक्स सीज़न शुरू हो गया है ऐसे में हर किसी को टैक्स फाइलिंग करनी होती है. अगर आप भी इनकम टैक्स फाइलिंग को लेकर परेशान है तो अब आपकी परेशानी खत्म होने वाली है. इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है आप बिना किसी झंझट के टैक्स फाइल कैसे कर सकते है और इसके लिए आपको कौन से फार्म भरने होंगे और किस किस डॉक्युमेंट की जरूरत पड़ेगी. देशभर में करोड़ों आयकर रिटर्न भरने वालों टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी खबर सामने आईं है. 11 मई को इनकम टैक्स विभाग ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी 7 ITR फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. आयकर विभाग ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी ITR फॉर्म (ITR-1 से लेकर ITR-7 तक) जारी कर दिए हैं. छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए ITR-1 और ITR-4 को 29 अप्रैल को और ट्रस्ट आदि के लिए ITR-7 को 11 मई को नोटिफाई किया गया है. आप सभी को आईटीआर फॉर्म ITR1, ITR2, ITR3 और ITR 4 के लिए नियमों में हुए बदलाव के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. बता दें कि ITR भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, जिनका ऑडिट नहीं होता. ITR 1 और ITR 4 टैक्स एलिजिबिलिटी नए नियम के मुताबिक, अगर आप इक्विटी या इक्विटी म्यूचुअल फंड से जुड़े हैं और टैक्स पेयर है, लॉग टर्म इन्वेस्टमेंट में 1.25 लाख रुपए का प्रॉफिट कमाते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आपको ITR 1 और ITR 4 फॉर्म यूज करना होगा. इससे पहले ITR 2 और ITR 3 का यूज किया जाता था और टैक्स बेनिफिट 1.25 लाख की जगह केवल 1 लाख रुपए था. आधार एनरोलमेंट आईडी इनकम टैक्स रिटर्न में अब ITR 1, ITR 2, ITR 3 और ITR 5 में आधार एनरॉल्टमेंट आईडी का कॉलम हटा दिया गया है. सेक्शन 206AB और 206CCA को हटाया गयासेक्शन 206 AB और 206CCA को हटा दिया गया है,अब टैक्स कटौती करने वालों और टैक्स कलेक्ट करने वालों को कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. सेक्शन 87Aवित्त मंत्री ने फरवरी में बजट पेश करने के दौरान 87A के तहत छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया था. जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा.अगर आपकी इनकम ज्यादा है और आप कई डिडक्शन क्लेम करते हैं, तो आपके लिए पुराना सिस्टम सही हो सकता है. ITR फॉर्म अगर आपने गलती से गलत फॉर्म भर दिया तो आपको काफी नुकसान हो सकता है. जानकारी के अनुसार, गलत ITR फॉर्म भरने से आपकी रिटर्न को ‘डिफेक्टिव’ मान लिया जाता है. हमेशा इनकम सोर्स के अनुसार सही फॉर्म चुनें.
- ITR-1:जिनकी आय सैलरी, एक घर से किराया/इनकम और ब्याज हो, कुल आय ₹50 लाख तक.
- ITR-2:जिनके पास कैपिटल गेन (शेयर/प्रॉपर्टी बेचने से मुनाफा), एक से ज्यादा प्रॉपर्टी या विदेश से आय हो.
- ITR-3:जो लोग बिजनेस या प्रोफेशन (जैसे डॉक्टर, वकील) से कमाते हैं.
- ITR-4: छोटे व्यापारी या प्रोफेशनल जो Presumptive Taxation स्कीम चुनते हैं और जिनकी आय ₹50 लाख तक है.
- समझदारी से पुरानी या नई टैक्स व्यवस्था चुनें: अगर आपने PPF, LIC आदि में निवेश किया है तो पुरानी व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है. अगर ज्यादा कटौतियां नहीं हैं, तो नई व्यवस्था चुनें टैक्स स्लैब कम हैं.
- जल्दी फाइल करें: आखिरी वक्त की जल्दबाजी से बचें और समय पर फॉर्म भरें.
- ई-वेरिफिकेशन जरूर करें: आधार OTP, नेट बैंकिंग या ई-वेरिफिकेशन से रिटर्न को सही तरीके से जमा करें.
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