प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। जिसमें कैबिनेट ने 69,725 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। ये पैकेज शिपबिल्डिंग और समुद्री इकोसिस्टम के लिए मंजूर किया गया है। ताकि इस सेक्टर को फिर से सपोर्ट दिया जा सके। इस सेक्टर के विकास के लिए नई रणनीति बनाने और पुनर्जीवित करने की सरकार के द्वारा कोशिश की जा रही है। सरकार का यह पैकेज 4 लक्ष्यों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
पैकेज में शामिल हैं ये 4 लक्ष्य1. शिपबिल्डिंग और समुद्री इकोसिस्टम के सेक्टर में डोमेस्टिक क्षमता को और ज्यादा स्ट्रॉन्ग करना।
2. इस सेक्टर में लॉन्ग टर्म फाइनेंस में सुधार करना।
3. तकनीकी क्षमताओं के साथ ही कौशल विकास को बढ़ावा देना।
4. रोजगार के नए अवसर बढ़ाना।
जारी रहेगी शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीमसरकार के इस पैकेज से उम्मीद की जा रही है कि 4.5 मिलियन ग्रॉस टन की शीप बिल्डिंग क्षमता के विकास में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि 4.5 लाख करोड़ रुपये निवेश आकर्षित होंगे। सरकार के द्वारा शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीम को आगे साल 2036 तक जारी रखने का फैसला लिया गया है। जिसके लिए 24,736 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसरभारत का समुद्री इतिहास काफी लम्बा रहा है। अभी भी समुद्री क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन फसलों से न केवल शिपबिल्डिंग और समुद्री इकोसिस्टम का विकास होगा, बल्कि उम्मीद की जा रही है कि इससे लगभग 30 लाख रोजगार भी पैदा होंगे। यानी सरकार विकास के साथ-साथ बेरोजगारी की समस्या का भी निवारण करने जा रही है। केंद्र सरकार की तरफ से समुद्री विकास फंड के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
आएगा बड़ा निवेशसरकार के द्वारा इस बड़े विकास प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी देने के बाद न केवल जहाज निर्माण क्षमता का विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और लगभग 4.5 लाख करोड रुपये के निवेश भी प्राप्त हो सकते हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा मिलेगा।
पैकेज में शामिल हैं ये 4 लक्ष्य1. शिपबिल्डिंग और समुद्री इकोसिस्टम के सेक्टर में डोमेस्टिक क्षमता को और ज्यादा स्ट्रॉन्ग करना।
2. इस सेक्टर में लॉन्ग टर्म फाइनेंस में सुधार करना।
3. तकनीकी क्षमताओं के साथ ही कौशल विकास को बढ़ावा देना।
4. रोजगार के नए अवसर बढ़ाना।
जारी रहेगी शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीमसरकार के इस पैकेज से उम्मीद की जा रही है कि 4.5 मिलियन ग्रॉस टन की शीप बिल्डिंग क्षमता के विकास में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि 4.5 लाख करोड़ रुपये निवेश आकर्षित होंगे। सरकार के द्वारा शिपबिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस स्कीम को आगे साल 2036 तक जारी रखने का फैसला लिया गया है। जिसके लिए 24,736 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसरभारत का समुद्री इतिहास काफी लम्बा रहा है। अभी भी समुद्री क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ है। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन फसलों से न केवल शिपबिल्डिंग और समुद्री इकोसिस्टम का विकास होगा, बल्कि उम्मीद की जा रही है कि इससे लगभग 30 लाख रोजगार भी पैदा होंगे। यानी सरकार विकास के साथ-साथ बेरोजगारी की समस्या का भी निवारण करने जा रही है। केंद्र सरकार की तरफ से समुद्री विकास फंड के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
आएगा बड़ा निवेशसरकार के द्वारा इस बड़े विकास प्रोजेक्ट के लिए मंजूरी देने के बाद न केवल जहाज निर्माण क्षमता का विकास होगा बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और लगभग 4.5 लाख करोड रुपये के निवेश भी प्राप्त हो सकते हैं। इससे आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा मिलेगा।
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