क्या आप भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसी पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते हैं? यदि हां, तो ये खबर आपके लिए है। यूपीआई के नियमों में आज से बड़ा बदलाव हुआ है। बड़े ट्रांजैक्शंस की लिमिट को एनपीसीआई ने आज से बढ़ा दिया है।अब केवल एक दिन में ट्रेवल, ईएमआई, कैपिटल मार्केट या इंश्योरेंस जैसे अलग-अलग कैटेगरी में 10 लाख रुपये तक के ट्रांजैक्शन किए जा सकेंगे। यानि अब आपको बड़े लेनदेन के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
केवल इन ट्रांजेक्शन पर लागू होगा ये नियम ये नियम पर्सन-टू-मर्चेंट भुगतान पर ही लागू होंगे। इसके अलावा यदि पर्सन-टू-पर्सन यानि P2P भुगतान किया जाता है तो इसकी लिमिट पहले के जैसे रोजाना 1 लाख रुपये ही रहेगी। यूपीआई का यह नियम केवल संस्थाओं या व्यापारियों को भुगतान करने के लिए ही बदला है। यानी केवल पर्सन-टू-मर्चेंट वाले पेमेंट के लिए यूपीआई की लिमिट 10 लाख रुपये प्रतिदिन हो गई है।
बैंकों के पास है अधिकार एनपीसीआई के द्वारा बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने रिस्क के अनुसार पॉलिसी में बदलाव कर सकते हैं और लिमिट भी तय कर सकते हैं।
कितनी हो गई लिमिट - निवेश की सीमा की बात करें तो कैपिटल मार्केट और बीमा प्रीमियम के लिए इन्वेस्टमेंट लिमिट 5 लाख रुपये कर दी गई है, जो पहले 5 लाख रुपये थी। 24 घंटे में लेनदेन की सीमा 10 लाख रुपये की गई है।
- ईएमआई के लिए लेनदेन लिमिट 5 लाख रुपये और डेली लिमिट 10 लाख रुपये की गई है।
- ट्रेवल के लिए लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है। ईएमडी पेमेंट्स और ई-मार्केटप्लेस पर टैक्स के लिए 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन और प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक के लेनदेन किए जा सकेंगे।
- एक बार में क्रेडिट बिल्स पर 5 लाख रुपये का पेमेंट हो जाएगा। इसके अलावा डेली लिमिट भी बढ़ाकर 6 लाख रुपये की जा चुकी है।
- एक दिन में ज्वेलरी खरीदने की लिमिट 2 लाख रुपये की गई, जो पहके एक लाख रुपये थी। डेली लिमिट अब 6 लाख रुपये की जा चुकी है।
यूपीआई का बढ़ रहा है इस्तेमालयूपीआई के इस्तेमाल में तेजी से उछाल आया है। लोग छोटे पेमेंट से लेकर बड़े-बड़े ट्रांजैक्शन तक के लिए यूपीआई का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। यूपीआई की बढ़ती डिमांड को देखकर ही लिमिट बढ़ाने का फैसला किया गया था।
केवल इन ट्रांजेक्शन पर लागू होगा ये नियम ये नियम पर्सन-टू-मर्चेंट भुगतान पर ही लागू होंगे। इसके अलावा यदि पर्सन-टू-पर्सन यानि P2P भुगतान किया जाता है तो इसकी लिमिट पहले के जैसे रोजाना 1 लाख रुपये ही रहेगी। यूपीआई का यह नियम केवल संस्थाओं या व्यापारियों को भुगतान करने के लिए ही बदला है। यानी केवल पर्सन-टू-मर्चेंट वाले पेमेंट के लिए यूपीआई की लिमिट 10 लाख रुपये प्रतिदिन हो गई है।
बैंकों के पास है अधिकार एनपीसीआई के द्वारा बैंकों को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने रिस्क के अनुसार पॉलिसी में बदलाव कर सकते हैं और लिमिट भी तय कर सकते हैं।
कितनी हो गई लिमिट - निवेश की सीमा की बात करें तो कैपिटल मार्केट और बीमा प्रीमियम के लिए इन्वेस्टमेंट लिमिट 5 लाख रुपये कर दी गई है, जो पहले 5 लाख रुपये थी। 24 घंटे में लेनदेन की सीमा 10 लाख रुपये की गई है।
- ईएमआई के लिए लेनदेन लिमिट 5 लाख रुपये और डेली लिमिट 10 लाख रुपये की गई है।
- ट्रेवल के लिए लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है। ईएमडी पेमेंट्स और ई-मार्केटप्लेस पर टैक्स के लिए 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन और प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक के लेनदेन किए जा सकेंगे।
- एक बार में क्रेडिट बिल्स पर 5 लाख रुपये का पेमेंट हो जाएगा। इसके अलावा डेली लिमिट भी बढ़ाकर 6 लाख रुपये की जा चुकी है।
- एक दिन में ज्वेलरी खरीदने की लिमिट 2 लाख रुपये की गई, जो पहके एक लाख रुपये थी। डेली लिमिट अब 6 लाख रुपये की जा चुकी है।
यूपीआई का बढ़ रहा है इस्तेमालयूपीआई के इस्तेमाल में तेजी से उछाल आया है। लोग छोटे पेमेंट से लेकर बड़े-बड़े ट्रांजैक्शन तक के लिए यूपीआई का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं। यूपीआई की बढ़ती डिमांड को देखकर ही लिमिट बढ़ाने का फैसला किया गया था।
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