Next Story
Newszop

ढाका, हिंदू, कश्मीर और इतिहास का हिसाब-किताब: जनरल मुनीर के भाषण पर मोहम्मद हनीफ़ का ब्लॉग

Send Push
Mohammed Hani पाकिस्तानी जनरल के बयान पर मोहम्मद हनीफ़ की टिप्पणी

ऐसा लगता था कि जनरल आसिम मुनीर चुपचाप डंडा चलाने वाले जनरल हैं. ना पत्रकारों से मिलते हैं, ना ही सुबह उठकर यूट्यूबर्स की बातें सुनते हैं.

नए-नए प्रोजेक्ट पर तख़्तियां लगवा कर रिबन काटे जा रहे हैं. शहीदों के जनाज़े को कंधा दे रहे हैं और साथ ही अपना डंडा भी चलाए जा रहे हैं. लेकिन पिछले हफ़्ते जब वे बोले, तो ज़ोर-शोर से बोले.

अगर वे चाहते, तो टीवी पर आकर राष्ट्र को संबोधित कर सकते थे. मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली भी हो सकती थी.

आख़िर हुकूमत भी अपनी है और मीडिया भी अपना.

लेकिन उन्होंने अपने ख़िताब के लिए क़ौम भी बाहर से इम्पोर्ट कर ली...ओवरसीज़ पाकिस्तानी, जिन्होंने तालियां बजा-बजा कर, नारे लगाकर जनरल साहब का दिल खुश कर दिया.

बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करें

image @OfficialDGISPR पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल आसिम मुनीर

जनरल साहब ने भी पाकिस्तानियों को दिखा दिया कि यह होती है क़ौम, यह होता है जज़्बा. "आप तो बस यहां बैठकर रोते रहते हो."

मैं जनरल साहब का भाषण सुनकर थोड़ा डर लगा.

अपने लिए नहीं, देश के लिए नहीं, क़ौम के लिए नहीं बल्कि ख़ुद जनरल साहब के लिए. क्योंकि पहली बार ऐसा लगा कि वे अपने ही भाषण का आनंद ले रहे हैं.

शुद्ध अरबी में आयतें और फौजियों वाली अंग्रेज़ी में धमकियां...

फिर हल्के-फुल्के अंदाज़ में यह बताना कि पाकिस्तान छोड़कर जाना 'ब्रेन-ड्रेन' नहीं, बल्कि 'ब्रेन-गेन' है. फिर, "कम ऑन", फिर तालियां.

थोड़ा-सा शक यह भी हुआ कि क्या शायद ये तकरीर जनरल साहब ने ख़ुद ही लिखी है. जब हमारा जनरल चुपचाप डंडा चलाने की बजाय खु़द को बुद्धिजीवी करने वाला भी समझने लगे और ख़तीब भी, तो समझ लीजिए कि कठिन समय शुरू हो गया है.

image Getty Images पाकिस्तान के आर्मी चीफ़ जनरल आसिम मुनीर (फ़ाइल फ़ोटो)

जनरल साहब के पास पवित्र कुरान की आयतें भी हैं और बंदूक भी.

इन दोनों के सामने कोई दलील तो नहीं चल सकती, केवल हाथ जोड़कर विनती की जा सकती है.

उन्होंने हमें हमारा पुराना सबक याद दिलाया कि हिंदू हमारे दुश्मन थे और हैं. हम उनकी 13 लाख की सेना से बिल्कुल नहीं डरते.

उन्होंने कहा कि कश्मीर आज भी हमारी शाह-रग (गले की नस) है. यह सुनकर पता नहीं कश्मीरियों ने तालियां बजाईं या नहीं, लेकिन ओवरसीज़ पाकिस्तानियों ने ज़रूर बजाईं.

फिर आ गए बलूचिस्तान पर.

कहा कि ये 1500 लोग हमसे बलूचिस्तान छीन लेंगे? ये उनकी भूल है.

''वी विल बिट द हेल ऑफ़ देम" (हम उन्हें बुरी तरह हरा देंगे.) इनकी दस नस्लें भी यह काम नहीं कर सकतीं.

अगर उनके दफ़्तर में कोई बुद्धिमान आदमी बैठा होता, तो शायद उनके कान में कह देता कि हमें नस्लों के बारे में बात नहीं करनी चाहिए.

पाकिस्तान के जनरल ने क्या कहा था? image BBC

हमारे किसी बड़ी वर्दी वाले भाई ने ये बात ढाका में खड़े होकर की थी, उनकी नस्लें तो नहीं बदलीं लेकिन हमारा भूगोल बदल गया.

वैसे भी लोग नस्लों की बातें कई नस्लों तक नहीं भूलते बल्कि आपसे भी आपकी नस्लों का हिसाब-किताब मांग लेते हैं. पवित्र किताब और डंडे का जवाब तो कोई नहीं है लेकिन इतिहास तो अपना हिसाब-किताब कर ही लेता है.

जनरल आसिम-उल-मुनीर में बहुत से लोगों को अपने बड़े मर्द-ए-मोमिन जनरल ज़िया-उल-हक़ की झलक नज़र आती है. अल्लाह करे, नए मर्द-ए-मोमिन का विमान सुरक्षित उड़े और सही सलामत लैंड भी करे.

जनरल ज़िया-उल-हक़ की एक झलक image Getty Images मोहम्मद ज़िया उल-हक़

उनके बाद हमारे पास जनरल मुशर्रफ़ थे, जो डंडा भी चलाते रहे और साथ ही कुरान की आयतों की जगह कभी-कभी हमें सेक्युलर टाइप बातें भी समझाते रहे.

अंतिम वर्षों में वो भी ओवरसीज़ हो गए थे. अल्लाह बख़्शे, जनाज़ा भी उनका किसी फौजी मेस के अंदर ही पढ़ाना पड़ा था.

फिर आए जनरल रहील शरीफ़. सुना था कि वे थोड़े-बहुत ओवरसीज़ ही हैं. ये सब पुरानी बातें हैं. इस देश में छह साल तक जनरल क़मर जावेद बाजवा का डंडा चलता रहा. लेकिन अब तो वो अनारकली जाकर नाश्ता भी नहीं कर सकते.

उन्हें ख़ुद नहीं मालूम कि कौम आगे से कैसा प्यार देगी. वे अपने देश में रहते हुए भी ओवरसीज़ हो गए थे.

जो लोग भाषण सुनने आए थे, वे तालियां बजाकर, नारे लगाकर, लंच-डिनर करके अपने देश लौट गए हैं. बाकी देश भी यहीं है, राष्ट्र भी यहीं.

यह घोड़ा और यह घोड़े का मैदान.

जब समय आएगा, तो जनरल साहब को भी शायद संदेह है कि उन्हें भी ओवरसीज़ होना पड़ सकता है. इसलिए उनके साथ अभी से भाईचारा स्थापित कर लें.

बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

image
Loving Newspoint? Download the app now