आईसीसी महिला विश्व कप मंगलवार से शुरू हो चुका है. भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से इसकी मेज़बानी कर रहे हैं.
इस विश्व कप की 1973 में शुरुआत होने के बाद कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने इसे हर आयोजन के साथ रोचक बनाया है.
इस 13वें विश्व कप तक भाग लेने वाली कई टीमें इतनी चुस्त -दुरुस्त हो गई हैं कि इस बार इसे बहुत ही टफ माना जा रहा है और कोई भी टीम उलटफेर करके अग्रिम टीमों में शामिल होती नजर आ सकती है.
महिला विश्व कप की शुरुआत 1973 में हुई थी.
ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को मिलेगी चुनौती?
1973 में हुए पहले विश्व कप में इंग्लैंड चैंपियन बनी. लेकिन उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में जो दबदबा बनाया उसका कोई मुक़ाबला नहीं.
पर मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली को लगता है कि काफी टीमें समान स्तर की हैं और यह सबसे टफ विश्व कप होने वाला है.
हम यदि न्यूजीलैंड के 2000 में चैंपियन बनने को छोड़ दें तो सारे खिताब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने आपस में बांटे हैं. ऑस्ट्रेलिया ने अब तक सात बार खिताब जीता है तो वहीं इंग्लैंड ने चार बार खिताब पर कब्जा जमाया है.
महिला विश्व कप ट्रॉफी अपने करीब 52 सालों के सफर में तीन देशों से बाहर निकल ही नहीं सकी है.
भारत दो बार और न्यूजीलैंड की टीम दो बार फाइनल तक पहुंची. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को कोई और टीम चुनौती नहीं पेश कर सकी.
एलिसा हीली का यादगार प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया का इस विश्व कप में सफलता का परचम 2015 के बाद लहराना बंद सा हो गया था. पर एलिसा हीली के 2022 के विश्व कप में यादगार प्रदर्शन ने उसे एक बार फिर चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई.
हीली ने सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 91 गेंदों में शतक पूरा किया. उन्होंने 107 गेंदों में 129 रन की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को 157 रनों से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वह यहीं नहीं थमीं और फाइनल में एक और बेजोड़ प्रदर्शन कर दिखाया.
हीली ने फाइनल में 170 रनों की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया को खिताब दिलाया. वो प्लेयर ऑफ द मैच भी बनीं. इस विश्व कप में उन्होंने सबसे ज्यादा 509 रन बनाए.
हरमनप्रीत ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलिया की हालत ख़राब की
यह बात 2017 के विश्व कप की है. यह वही विश्व कप है, जिसमें भारत को खिताब जीतने का दावेदार माना जा रहा था, इसकी वजह भारत का सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को फतह करना था.
भारत एक समय फाइनल में अच्छी स्थिति में था लेकिन उसे इंग्लैंड के हाथों नौ रनों से हारना पड़ा था.
भारत की ऑस्ट्रेलिया पर जीत की हीरो हरमनप्रीत कौर थीं. वह कंधे में चोट के बावजूद अपने आक्रामक अंदाज से खेली पारी से सभी को अपना मुरीद बनाने में सफल हो गई थीं.
उन्होंने अपनी 171 रनों की नाबाद पारी में 20 चौके और 7 छक्के जड़े थे. वह 50 से 100 रनों तक 26 गेंदों में और 100 से 150 रनों तक 17 गेंदों में पहुंची थीं.
हरमनप्रीत वैसे भी विश्व कप आते ही अपने खेल को ऊंचाइयां देना नहीं भूलतीं.
वह अब तक विश्व कप के 22 मैचों में तीन शतक लगा चुकी हैं. वहीं 110 वनडे मैचों में चार ही शतक लगा सकी हैं.
पिछले एक-डेढ़ दशक में बदली है महिला क्रिकेट की सूरत
पहले यहां महिला टीमों के मैचों को छोटे स्टेडियमों में आयोजित किया जाता था. वहीं टीमों को बजट होटलों में ठहराया जाता था.
पर अब महिला क्रिकेट के क्रिकेट बोर्डों के साथ जुड़ने से इसकी तस्वीर एकदम से बदल गई है.
भारत में इससे पहले विश्व कप का आयोजन 2013 में हुआ था. यह वह दौर था जब मैच के प्रसारण को ध्यान में रखकर यूनीफार्म पहने स्कूली बच्चों को स्टेडियम में बैठा दिया जाता था.
कई बार तो मैचों के आखिरी वक्त पर आयोजन स्थल तक बदल दिए जाते थे. एक बार तो सचिन तेंदुलकर रणजी फाइनल में खेल रहे थे, इसलिए महिला मैच को वहां से हटा दिया गया था.
हम पिछले विश्व कप की बात करें तो इसे देखने वालों का स्टेडियमों में हुजूम उमड़ पड़ा था. यह महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाने वाला है.
भारत और श्रीलंका में होने वाला 13वां विश्व कप कुछ और नए रिकॉर्ड बनाने वाला है.
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इस विश्व कप में भारत की उम्मीदों का केंद्र कप्तान हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना तो हैं ही.
पर भारत के लिए चार खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्ज, हरलीन देओल, दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा गेम चेंजर साबित हो सकती हैं.
वनडे मैचों में यदि हम 2024 से लेकर अब तक की बात करें तो स्मृति मंधाना के बाद भारत के लिए दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली जेमिमा रोड्रिग्ज हैं.
जेमिमा ने इस दौरान खेले 23 मैचों में दो शतकों और दो अर्धशतकों समेत 808 रन बनाए हैं. वहीं हरलीन देओल ने 20 मैचों में एक शतक और दो अर्धशतकों समेत 674 रन बनाए हैं.
अनुभवी स्पिन गेंदबाज दीप्ति शर्मा और हाल के दिनों में अच्छी रंगत में दिखीं स्नेह राणा के चलने पर भारतीय उम्मीदें बहुत निर्भर रहने वाली हैं.
दीप्ति ने पिछले 26 मैचों में 41 विकेट निकाले हैं और उनकी इकॉनमी रेट 4.69 रही है. इसी तरह स्नेह राणा ने 11 मैचों में 21 विकेट निकालकर अपना डंका बजाया है.
वह भी दीप्ति की तरह ही किफायती भी रहीं हैं.
भारत को अपनी ताकत पर खेलने की जरूरत
भारत की पूर्व कप्तान डायना एडुलजी ने एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा है कि हम कहां तक पहुंचेंगे, इस तरह का दबाव लेकर खेलने की जरूरत नहीं है.
यह सोचे बगैर कि हमें सेमी फाइनल खेलना है, सिर्फ अपनी ताकत पर ध्यान देकर खेलना चाहिए. हमें सामने वाली टीम की ताकत पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि फील्डिंग और कैचिंग के साथ-साथ विकेट के बीच दौड़ पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है.
टीम द्वारा बनाया हर अतिरिक्त रन महत्वपूर्ण रहने वाला है. साथ ही उन्हें लगता है कि युवा पेस गेंदबाज क्रांति गौड़ इस विश्व कप में अहम भूमिका निभा सकती हैं.
वह इंग्लैंड में पहली परीक्षा में पास हो चुकी हैं. उन्होंने वहां तीन वनडे मैचों में आठ विकेट लिए थे.
राउंड रोबिन आधार पर हो रहा है विश्व कप
इस विश्व कप का राउंड रोबिन आधार पर आयोजन हो रहा है. भाग लेने वाली सभी टीमें एक दूसरे से खेलेंगी.
30 सितंबर से शुरू होने वाला यह विश्व कप दो नवम्बर को फाइनल के साथ खत्म होगा.
राउंड रोबिन लीग में पहले चार स्थानों पर रहने वाली टीमें सेमीफाइनल में स्थान बनाएंगी. सेमीफाइनल 29 और 30 अक्तूबर को खेले जाएंगे.
भारत को अपने सात मैचों में से सिर्फ एक मैच भारत से बाहर खेलना है. वो मैच होगा पाकिस्तान के खिलाफ पांच अक्तूबर को कोलंबो में. भारत को बाकी सभी मैच घर में खेलने हैं.
भारत को 30 सितंबर को श्रीलंका से गुवाहाटी में खेलने के अलावा दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से मैच विशाखापट्टनम में 9 और 12 अक्तूबर को खेलने हैं.
भारत, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश से मैच नवी मुंबई में 23 और 26 अक्तूबर को खेलेगा.
बेथ मूनी, श्राइवर ब्रंट और मारिजाने कैप पर रहेंगी सभी निगाहें
ऑस्ट्रेलिया की विकेटकीपर बल्लेबाज बेथ मूनी का साल 2025 बेहतरीन रहा है. वह इस साल खेले सभी वनडे मैचों में दोहरे अंकों में स्कोर बनाने में सफल रही हैं.
उन्होंने होबार्ट में इंग्लैंड के खिलाफ अर्धशतक लगाने के बाद चंडीगढ़ में खेले गए मैच में महिला वनडे का दूसरा सबसे तेज शतक लगाया था. दबाव में मन शांत रखना उनकी सबसे बड़ी खूबी है.
श्राइवर ब्रंट आईसीसी बल्लेबाजी रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं. वह हमेशा इंग्लैंड के मुश्किल समय में संकट मोचक की भूमिका निभाती हैं.
वह इस साल चार अर्धशतक लगा चुकी हैं. वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी में भी अपने जौहर दिखाती रही हैं.
दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज मारिजाने कैप को साल की शुरुआत में आराम दिया गया था. पर वह विश्व कप से ठीक पहले रंगत पाने में सफल रही हैं.
उन्होंने इसी माह पाकिस्तान के खिलाफ 137 रन की पारी खेलकर प्लेयर ऑफ द मैच का सम्मान प्राप्त किया था.
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