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सिर्फ गर्मी और रेत ही नहीं, संजीवनी से भी बेशकिमती जड़ी बूटी पाई जाती है यहां, वीडियो देख खुद करें फैसला

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राजस्थान के रेतीले विस्तार में बसा डेजर्ट नेशनल पार्क, केवल एक प्राकृतिक स्थल ही नहीं, बल्कि संकटग्रस्त पक्षी गोडावन (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) की एकमात्र प्रमुख शरणस्थली भी है। यह पार्क जैसलमेर जिले में स्थित है और लगभग 3,162 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहाँ की भौगोलिक परिस्थितियाँ और पारिस्थितिक संरचना गोडावन सहित अनेक रेगिस्तानी जीवों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करती हैं।

गोडावन: एक संकटग्रस्त पक्षी

गोडावन भारत का राष्ट्रीय पक्षी बनने का प्रमुख दावेदार रहा है, लेकिन आज यह विलुप्त होने की कगार पर है। यह विशाल और दुर्लभ पक्षी कभी भारत के कई राज्यों में पाया जाता था, लेकिन अब इसकी संख्या कुछ दर्जन में ही सिमट गई है। इन बचे हुए पक्षियों का सबसे बड़ा और सुरक्षित निवास स्थल है – जैसलमेर का डेजर्ट नेशनल पार्क

गोडावन की पहचान उसके ऊँचे डील-डौल, लंबी गर्दन, और शांत चाल से होती है। यह मुख्यतः खुले, सूखे और घास वाले क्षेत्रों में रहना पसंद करता है – ठीक वैसे ही जैसे जैसलमेर का थार रेगिस्तान।

डेजर्ट नेशनल पार्क: आदर्श आवास

इस पार्क में स्थिर और गतिशील रेत के टीले, चट्टानी सतहें और झाड़ीदार क्षेत्र पाए जाते हैं। यही भौगोलिक विशेषताएँ गोडावन को प्रजनन, शिकार और सुरक्षा के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती हैं। इसके अलावा यहाँ मानव दखल अपेक्षाकृत कम है, जिससे गोडावन जैसे संवेदनशील पक्षी को शांति मिलती है।

पार्क में कई अन्य पक्षी भी पाए जाते हैं जैसे हौबारा बस्टर्ड, सैंड ग्राउज़, ईगल्स, लार्क्स, आदि। लेकिन गोडावन की विशेष उपस्थिति ने इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संवेदनशील संरक्षण क्षेत्र बना दिया है।

संरक्षण प्रयास

गोडावन के संरक्षण के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। डेजर्ट नेशनल पार्क के भीतर रेगिस्तानी राष्ट्रीय पक्षी प्रजनन केंद्र (Desert National Breeding Centre) की स्थापना की गई है, जहाँ कृत्रिम रूप से अंडों को सेकर गोडावन की संख्या बढ़ाई जा रही है।

इसके अलावा स्थानीय ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है ताकि वे खेतों में चरने वाले इन पक्षियों को नुकसान न पहुँचाएँ। पार्क प्रशासन और वन विभाग की नियमित निगरानी भी जारी रहती है।

पर्यटन और जागरूकता

प्राकृतिक प्रेमियों, पक्षी विशेषज्ञों और फोटोग्राफरों के लिए डेजर्ट नेशनल पार्क एक आदर्श स्थल बन चुका है। यहाँ जीप सफारी द्वारा सैलानी गोडावन को दूरबीन से देख सकते हैं और इसकी जीवन शैली को समझ सकते हैं। इस प्रकार, पर्यटन के माध्यम से न केवल लोगों को जैव विविधता की जानकारी मिलती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलता है।

निष्कर्ष

गोडावन की यह सुरक्षित पनाहगाह न केवल जैसलमेर की शान है, बल्कि यह भारतीय जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक प्रेरणा है। यदि सरकार, वैज्ञानिक और आमजन एकजुट होकर प्रयास करें, तो निश्चय ही गोडावन की यह दुर्लभ प्रजाति आने वाले समय में फिर से अपने गौरव को प्राप्त कर सकेगी। डेजर्ट नेशनल पार्क इस दिशा में हमारी उम्मीद की सबसे मजबूत किरण है।

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