राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल अलवर जिला गुटखा की राजधानी बन गया है। यहां हर दिन लोग लाखों रुपए का गुटखा खा रहे हैं। खासकर युवा पीढ़ी तेजी से गुटखा-तंबाकू की गिरफ्त में आ रही है। गुटखा-तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार अलवर तंबाकू उत्पादों के सेवन में प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। यहां हर माह करीब सात लाख लोग करोड़ों रुपए के तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। जानकारी के अनुसार सामान्य अस्पताल में पिछले साल 15 हजार से ज्यादा कैंसर रोगी इलाज के लिए आए। इनमें से करीब 50 से 55 फीसदी लोग मुंह के कैंसर से पीड़ित हैं। इनमें से करीब 80 से 90 फीसदी लोगों का तंबाकू सेवन का इतिहास रहा है। साथ ही फेफड़े व अन्य कैंसर के कुल रोगियों में से 60 फीसदी रोगियों का तंबाकू सेवन का इतिहास रहा है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, सांस संबंधी रोग, हृदयाघात व ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) जैसी बीमारियों के रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है।
तंबाकू बना 'टाइम बम'
तंबाकू सेवन के मामले में देश टाइम बम पर है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में एक साल में मात्र 18.3 लाख लोगों की काउंसलिंग की गई है। रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास इसी गति से रहे तो तंबाकू पर नियंत्रण पाने में 152 साल लग जाएंगे। जबकि भारत में हर साल इसके कारण 18 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है। हर दिन 6500 नए युवा तंबाकू की लत लगाते हैं, जो सालाना 24 लाख से अधिक है।
देश की जीडीपी पर क्या पड़ता है असर
देश में तंबाकू सेवन से होने वाला आर्थिक नुकसान 1.82 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। जो देश की जीडीपी का एक फीसदी से भी अधिक है। यह नुकसान तंबाकू से सरकार को मिलने वाले टैक्स से भी अधिक है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के अनुसार देश में 28 करोड़ से अधिक तंबाकू सेवन करने वाले हैं। जबकि मुंह व फेफड़ों के कैंसर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अस्थमा जैसी बीमारियों का मुख्य कारण यही है।
दुनिया में 1.3 अरब लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। इससे उनके व्यक्तिगत स्वास्थ्य और समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसलिए आम जनता को तंबाकू सेवन के प्रति जागरूक कर भावी पीढ़ी को तंबाकू के खतरों से बचाना जरूरी हो गया है। युवाओं में तेजी से बढ़ रहे तंबाकू सेवन, धूम्रपान और फास्ट फूड के सेवन से कैंसर की संभावना तेजी से बढ़ रही है। कुछ साल पहले तक कैंसर अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता था, लेकिन अब कम उम्र में भी कैंसर हो रहा है।