राजस्थान के भीलवाड़ा में तिहरे हत्याकांड का आरोपी दीपक नैयर और भी हत्याएं करने वाला था। अपने घर पर दो दोस्तों की हत्या करने के बाद दीपक कई घंटे भीलवाड़ा शहर में घूमता रहा। दीपक हाई ब्लड प्रेशर के बहाने फोन करके दूसरे दोस्त की हत्या करने वाला था, लेकिन वह उसके इरादे भांप गया और नहीं आया। घटना वाले दिन दीपक ने उस दोस्त को 70 कॉल किए थे। अयप्पा मंदिर के दो पुजारी और एक एएसआई भी दीपक के निशाने पर थे। एक पुजारी उदयपुर गया था। दूसरा भीलवाड़ा मंदिर में ही था। दीपक ने 17 घंटे में 3 हत्याएं कीं, लेकिन क्यों... इस सवाल का जवाब अब तक पुलिस को नहीं मिला है। दीपक हर बार अपनी बातों से पुलिस को उलझा रहा है।
22 जनवरी: मोनू की हत्या होनी थी, संदीप भी साथ आया
दीपक ने पुलिस को बताया कि उसने मोनू की लव मैरिज कराई थी। उसने उसकी आर्थिक मदद भी की थी। मोनू की शराब पीने की आदत के कारण उसका पत्नी से विवाद भी रहता था। मोनू उसके घर पर ही रहता था। मोनू ने अपने घर की दूसरी चाबी भी बनवा ली थी। दीपक ने बताया कि मोनू ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। इसलिए 22 अप्रैल को उसने मोनू को बुलाया। मोनू के साथ संदीप भी उसके घर आया। तीनों ने साथ में शराब पी। इसके बाद दीपक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मोनू की पिटाई शुरू कर दी। जब संदीप ने बीच-बचाव किया तो दीपक ने लकड़ी के डंडे से उसकी पिटाई कर दी और उसे बेहोश कर दिया। जब दोनों बेहोश हो गए तो उसने चाकू से उनके गुप्तांग काट दिए। फिर बेलन से वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद वह घर बंद कर बाइक से शहर चला गया। रात 12 बजे तक अलग-अलग जगहों पर शराब पी।
मोनू और संदीप की हत्या करने के बाद दीपक ने अपने दोस्त प्रशांत को फोन कर अपना ब्लड प्रेशर हाई होने की बात बताई और घर बुलाया। प्रशांत दीपक के पास नहीं आया। दीपक ने प्रशांत को करीब 70 कॉल किए लेकिन प्रशांत ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद दीपक ने बीयर पी। शाम को जब पैसे खत्म हो गए तो वह प्रताप नगर में रहने वाले अपने एक भाई के घर गया। जब उसका भाई घर पर नहीं मिला तो भाई की पत्नी ने उसे 5 हजार रुपए दिए। इसके बाद दीपक एक बार में गया और रात 10 बजे तक शराब पीता रहा। इसके बाद वह यूआईटी के सामने एक फूड स्टॉल पर खाना खाने गया। उसके फोन की ट्रांजेक्शन लिमिट पूरी हो गई थी। इसलिए उसने रात 12 बजे तक इंतजार किया। इसके बाद उसने बीयर पी और अयप्पा मंदिर चला गया। वह मंदिर में पुजारी को ढूंढ रहा था, लेकिन चौकीदार लाल सिंह उसके हत्थे चढ़ गया। उसने चौकीदार की भी हत्या कर दी और उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया। इस घटना के बाद दीपक को पुलिस ने सुबह उसके घर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया।
परिवार के सदस्यों की मौत के बाद से अकेला रहता था
पुलिस ने बताया कि दीपक के पिता आरपी सहदेवन नायर सेना से रिटायर थे। दीपक की मां समता कुमारी भीलवाड़ा के एमडीएम अस्पताल में नर्स थीं। वर्ष 2007 में दीपक के माता-पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद वह कुछ समय तक अपनी बहन के पास रहा। इसके बाद उसका अपनी बहन से भी झगड़ा होने लगा तो उसकी बहन अपने परिवार के साथ अलग रहने लगी। इसके बाद से दीपक अपने घर में अकेला रहता था। दीपक के एक दोस्त ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ाई में बहुत होशियार था। उसकी अंग्रेजी पर बहुत अच्छी पकड़ थी। फिलहाल वह एक नेटवर्क कंपनी में निम्बाहेड़ा क्षेत्र का एरिया मैनेजर था। हत्या से एक दिन पहले वह भीलवाड़ा आया था।
रात में दोस्त, दो पुजारी और एक एएसआई की तलाश कर रहा था
दीपक ने पुलिस को बताया कि वह अपने कई दोस्तों से नाराज था। उसे सबसे ज्यादा एक दोस्त की तलाश थी, जिसने उसे धोखा दिया। दीपक ने अयप्पा मंदिर के पुजारी पर भी गलत काम करने का आरोप लगाया। भीलवाड़ा अयप्पा मंदिर के पुजारी की हत्या करने के बाद वह दूसरे पुजारी से मिलने उदयपुर जा रहा था। पुलिस पूछताछ में उसने रात में एएसआई की तलाश करने की बात भी कबूल की है। उसने बताया कि हत्या से दो दिन पहले एएसआई ने उसकी पिटाई की थी। जिससे उसकी आंख में चोट लग गई थी।
दीपक के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं
2013 में दीपक का प्रताप नगर थाने में झगड़ा हुआ था। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। उस दौरान दीपक ने जेल में करीब 20 लोगों की बुरी तरह पिटाई की थी। 2016 में दीपक शोरूम से कार लेकर भाग गया था। उसने कार को तेज़ चलाकर कई जगहों पर तोड़फोड़ की थी। इस मामले में भी पुलिस ने उसे गिरफ़्तार किया था। दो साल पहले दीपक अपने गांव केरल गया था। वहाँ उसने किराए की कार से कई लोगों को टक्कर मारी थी। उसने स्थानीय लोगों और पुलिसवालों से झगड़ा भी किया था।