राजस्थान के झुंझुनू में परिवहन विभाग और डंपर मालिकों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। परिवहन विभाग ने खान विभाग के ई-रवाना के आधार पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इसके तहत करीब 223 करोड़ रुपये के चालान काटे गए। चालान राशि जमा नहीं कराने वाले 229 वाहनों की आरसी (पंजीकरण प्रमाण पत्र) निलंबित कर दी गई। इस कार्रवाई के विरोध में डंपर मालिक पिछले पांच दिनों से जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) के बाहर धरना दे रहे हैं। आज पांच डंपर मालिक क्रमिक भूख हड़ताल पर भी बैठे।
चालान माफ करें और डीटीओ को हटाएं
डंपर यूनियन के प्रवक्ता विकास कुमार ने बताया कि निलंबित आरसी बहाल होने और ई-रवाना आधारित चालान पूरी तरह माफ होने तक आंदोलन जारी रहेगा। यूनियन ने डीटीओ डॉ. मक्खनलाल जांगिड़ को हटाने और उनके कार्यकाल की सीबीआई जांच की मांग भी उठाई है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि परिवहन विभाग ने नियमों का दुरुपयोग कर वाहन मालिकों को परेशान किया है।
नियमानुसार की गई कार्रवाई
डीटीओ डॉ. माखनलाल जांगिड़ ने बताया कि खान विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2500 वाहनों ने 70 हजार से अधिक बार ओवरलोडिंग नियमों का उल्लंघन किया। इसके लिए 223 करोड़ रुपए के चालान काटे गए। सरकार ने फरवरी में राहत देते हुए चालान राशि का मात्र 5% (करीब 11.75 करोड़ रुपए) जमा कराने को कहा था, लेकिन कई वाहन मालिक इसके लिए भी तैयार नहीं हैं। नोटिस के बाद 100 से अधिक मालिकों ने चालान राशि जमा करा दी, जबकि 35 वाहन मालिकों ने 5% राशि जमा कराकर आरसी बहाल करा ली।
जानिए आगे क्या होगा
डीटीओ ने बाकी वाहन मालिकों से छूट का लाभ उठाकर चालान राशि जमा कराने की अपील की है। उधर, डंपर यूनियन आंदोलन तेज करने की धमकी दे रही है। यह मामला अब स्थानीय स्तर पर चर्चा का केंद्र बन गया है और लोग सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
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