ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी लगातार देश के सीमावर्ती इलाकों का दौरा कर रहे हैं और जवानों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। पिछले मंगलवार को उन्होंने पंजाब के आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचकर जवानों के साहस को सलाम किया था। इसी कड़ी में अब प्रधानमंत्री 22 मई को राजस्थान के बीकानेर आ रहे हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका पहला दौरा है। यहां वे जिले में बने नल एयरबेस का दौरा करेंगे। और वह वहां उपस्थित सैनिकों को ऑपरेशन सिंदूर में मिली बड़ी सफलता के लिए बधाई देंगे।
प्रधानमंत्री मोदी बीकानेर के नाल का दौरा करेंगे
प्रधानमंत्री 22 मई को सुबह करीब 11 बजे विशेष विमान से बीकानेर के नाल एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से वह नल एयर बेस जाएंगे, जहां वह सभी रैंकों के सैनिकों से बातचीत करेंगे और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए अच्छे कार्य के लिए उन्हें बधाई देंगे।
पाकिस्तान की नजर नल एयरबेस पर क्यों थी?
इस एयरबेस पर भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान तैनात हैं। वर्तमान में, स्वदेश निर्मित एचएएल तेजस एमके.1ए लड़ाकू विमान (नंबर 3 स्क्वाड्रन आईएएफ, जिसे 'कोबरा' के नाम से भी जाना जाता है) का पहला स्क्वाड्रन यहां तैनात है। इससे पहले यह एयरबेस मिग-21 बाइसन का भी घर रहा है। जो अब नहीं रहे, जिन्हें बाड़मेर से विदाई दे दी गई। इसके अलावा, नाल एयरबेस पर वायु सेना के पायलटों और अन्य कर्मियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। यहां विभिन्न प्रकार के सैन्य अभियान और प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाते हैं, जिससे वायु सेना को देश की सीमाओं पर युद्धों के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।
नाल एयरबेस का निर्माण कब हुआ?
1942 के अंत में, नाल में पहली बार एक कच्चा रनवे बनाया गया था, जिसे बाद में अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, उन्होंने इस हवाई क्षेत्र को खाली कर दिया, जिसे बाद में पीडब्ल्यूडी ने अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद, सितम्बर 1942 से सितम्बर 1950 तक बीकानेर के शाही परिवार ने इस अड्डे पर एक फ्लाइंग क्लब चलाया। जिसके बाद महाराजा गंगा सिंह, सादुल सिंह और करणी सिंह ने हवाई अड्डे के निर्माण और विकास में गहरी रुचि दिखाई।
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