इस बार भी आखा तीज पर चाइनीज मांझे ने कहर बरपाया। मांझे ने 21 लोगों की गर्दन जख्मी कर दी। इनमें सात लोग ऐसे थे, जिनकी गर्दन का मांस जख्मी हो गया। एक युवक के पैर की हड्डी दिखाई दे रही थी।गनीमत रही कि किसी की जान नहीं गई। बुधवार को पतंग महोत्सव में कुल 54 लोग घायल होकर पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पहुंचे। आखा तीज पर पतंगबाजी के लिए प्रतिबंधित चाइनीज मांझा कई दिनों से बिक रहा है। स्टिंग ऑपरेशन कर कई दुकानों से चाइनीज मांझा खरीदा, लेकिन जिला प्रशासन को यह मांझा कहीं नहीं मिला। बुधवार को आखा तीज होने के कारण दिनभर आसमान पतंगों से भरा रहा।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने चाइनीज मांझे से पतंग भी उड़ाई। पतंगबाजी, लूटपाट और दुपहिया वाहनों पर निकलते समय लोग चाइनीज मांझे की चपेट में आने से नहीं बच सके। ट्रामा सेंटर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. एलके कपिल ने बताया कि पतंगबाजी में घायल होने के बाद कुल 54 लोग ट्रामा सेंटर पहुंचे, जिनमें से महाजन निवासी 10 वर्षीय अशोक छत से गिरकर घायल हो गया। उसे भर्ती करना पड़ा। इसके अलावा 21 लोग ऐसे थे, जिनकी गर्दन और चेहरे पर मांझे के कारण कट लग गए थे। त्वचा छिल गई थी। इनमें से लालूराम, घीराज, राजाराम, दिनेश, सलमान, पवन और पुनीत की गर्दन में गहरे घाव हो गए। गनीमत रही कि गर्दन की नसें क्षतिग्रस्त नहीं हुई। सभी को टांके लगाने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
शहर में चाइनीज मांझा कहर बरपाता रहा और प्रशासन सिर्फ बैठकें करता रहा। पिछले दिनों कलेक्टर ने प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेकर चाइनीज मांझे का उपयोग न करने और इसे बेचने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन वे भी बेअसर साबित हुए। जिला प्रशासन व पुलिस के किसी भी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और मांझा लोगों को घायल करता रहा।पिछले एक माह से शहर में चाइनीज मांझा बिक रहा है। इसकी जानकारी थाने की पुलिस को भी है। प्रशासन के अधिकारी वातानुकूलित कमरों से बाहर नहीं निकले। पिछले साल भी यही स्थिति थी। दो साल पहले इसी मांझे ने एक युवक की जान ले ली थी।
दिनभर बिका चाइनीज मांझा
अखाजीत में दिनभर खुलेआम प्रतिबंधित चाइनीज मांझा बिकता रहा। पिछले दिनों जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर इत्मीनान कर लिया, लेकिन किसी दुकान पर जाकर कोई कार्रवाई नहीं की। चाइनीज मांझे की अवैध बिक्री को लेकर शहर के किसी भी थाने में मामला दर्ज नहीं हो सका। दिनभर पतंगें उड़ती रहीं। राहगीर मांझे का शिकार होकर पीबीएम अस्पताल पहुंचते रहे, लेकिन प्रशासन ने किसी की सुध तक नहीं ली।
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