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राज्यपाल हरिभाऊ बागडे का बड़ा बयान बोले- 'न्यूटन से पहले हमने दी गुरुत्वाकर्षण की थ्योरी', बताया 380 साल पुराना इतिहास

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राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अपेक्स यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में नई शिक्षा नीति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे भारतीयता से ओतप्रोत सुसंस्कृत समाज का निर्माण होगा। उन्होंने यूनिवर्सिटी के शिक्षकों से आदर्श आचरण के साथ नवीनतम ज्ञान से अपडेट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यूनिवर्सिटी में अर्जित ज्ञान और शिक्षा का उपयोग 'विकसित भारत' के लिए करें। राज्यपाल बागड़े ने कहा कि आपने और हम सभी ने पढ़ा है कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने दिया था। न्यूटन ने 1530 में शोध किया था। 

1150 में भास्कराचार्य ने लीलावती ग्रंथ में गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिखा था। राज्यपाल ने कहा, भास्कराचार्य की बेटी का नाम लीलावती था, वह विधवा थी। उनके साथ रहती थी। लीलावती ने भास्कराचार्य से पूछा था कि बाबा आप कहते हैं कि सूर्य स्थिर है। पृथ्वी उसके चारों ओर घूमती है। चंद्रमा उसके चारों ओर घूमता है। वे गिरते क्यों नहीं? भास्कराचार्य ने जवाब दिया था कि वे एक-दूसरे को आकर्षित और खींचते हैं। इसलिए वे गिरते नहीं हैं। एक-दूसरे को आकर्षित करना और गुरुत्वाकर्षण दोनों एक ही हैं। भास्कराचार्य ने 1150 में लिखा और उसके बाद न्यूटन ने 1530 में सिद्धांत दिया। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े सोमवार को अपेक्स यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

गणपति को 'ग' से पढ़ाया जाता था, लेकिन इसे बदलकर 'गधा' कर दिया गया
राज्यपाल ने कहा, जब हम हिंदी वर्णमाला सीखते थे, तो गणपति को 'ग' से पढ़ाया जाता था, लेकिन इस पर भी कई लोगों ने आपत्ति जताई कि गणपति एक धार्मिक शब्द है। यह एक धर्म का है, यह नहीं चलेगा। 'ग' 'गधा' के रूप में काम करेगा, लेकिन 'गणपति' नहीं चलेगा। हमारे देश में ऐसे लोग थे जो ऐसा सोचते थे। पाठ्य पुस्तक बनाने वाले लोग भी ऐसे ही थे।

नकल करके या रटकर पास होना शिक्षा नहीं है
राज्यपाल ने कहा, शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना है। नकल करके या रटकर पास होना शिक्षा नहीं है। शिक्षा का मतलब है जो पढ़ा है उसे समझकर अपनी बात सामने रखना। नई शिक्षा नीति में सीखने में छात्र की स्वतंत्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। नई शिक्षा नीति भारतीयता से ओतप्रोत सुसंस्कृत समाज का निर्माण करने वाली है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों को आदर्श आचरण के साथ-साथ नवीनतम ज्ञान से भी अपडेट रहना चाहिए। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान और शिक्षा का उपयोग विकसित भारत के लिए करना चाहिए।

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