बांसवाड़ा जिले में गायों से भरे 52 ट्रक जब्त करने के मामले के बाद जिले में लोगों में अभी भी काफी रोष है। क्योंकि लोग तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं। सोमवार को जिले भर से महिलाओं का एक समूह धेनु शक्ति संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचा और वहां सबसे पहले नारेबाजी की। इस दौरान हर वर्ग की महिलाएं शामिल रहीं। इससे दो दिन पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी ने भी बांसवाड़ा में गायों से भरे ट्रक जब्त करने के बाद सरकार और अधिकारी पर तस्करी में संलिप्त होने का आरोप लगाया था। इसी विरोध की कड़ी में आज महिला शक्ति ने प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री के नाम पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला को सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि
13 अप्रैल को नागौर जिले से 52 ट्रकों/पिकअप वाहनों के जरिए करीब 388 बैलों को अवैध रूप से राज्य से बाहर महाराष्ट्र ले जाया जा रहा था। इन ट्रकों में नागौरी नस्ल सहित विभिन्न गायें भरी हुई थीं और ट्रकों को पूरी तरह तिरपाल से बंद किया गया था। इस तस्करी की सूचना मिलने पर धेनु शक्ति संघ डीएसएस, ग्वाल शक्ति सेना जीएसएस और गोपाल परिवार संघ तथा जीआरसीएफ, वागड़ बने वृंदावन और अन्य सभी गौ सेवा संगठनों, गौ रक्षा दलों, गौ सेवकों ने मध्यप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों नीमच, मंदसौर और रतलाम में इन्हें रोक लिया।
जब पता चला कि तस्कर नीमच के रास्ते तस्करी नहीं कर पा रहे हैं तो उन ट्रकों को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से वापस ले जाने का प्रयास किया गया। वहां भी पुलिस द्वारा ट्रकों को पुलिस सुरक्षा में दानपुर मध्यप्रदेश सीमा तक ले जाया गया, लेकिन सीमा पर मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। गायों से भरे ट्रक वापस बांसवाड़ा की ओर आने लगे। गौ सेवा संगठनों और स्थानीय गौ रक्षा कार्यकर्ताओं ने इन ट्रकों को रोका और तत्काल संबंधित थाने और जिला प्रशासन को सूचना दी। जिस पर गौ रक्षा में लगे लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने ट्रकों में गायों को भरकर जिले की विभिन्न गौशालाओं में पहुंचाया।
साथ ही ज्ञापन में बताया गया कि इस पूरी घटना में पशु क्रूरता की पराकाष्ठा हो गई। अमानवीय तरीके से प्रत्येक ट्रक में 10-12 गायें ठूंस दी गई। दो गायें मृत पाई गई तथा अधिकांश को घायल अवस्था में नीचे उतारा गया। एक गाय की उपचार के दौरान तलवाड़ा गौशाला में मौत हो गई।
सभी ट्रकों में गायों के लिए भोजन व पानी की व्यवस्था नहीं थी। न्यायालय ने कहा है कि नियमों की अवहेलना कर गायों का परिवहन किया गया है।
महिलाओं ने मांग की है कि ट्रक मालिकों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए तथा पशु तस्करों को गिरफ्तार किया जाए।
बांसवाड़ा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच की जाए तथा दोषियों के खिलाफ विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
राज्य स्तर पर विशेष जांच समिति (एसआईटी) गठित कर पशु तस्कर गिरोह की गहन जांच की जाए। इस पूरे विरोध प्रदर्शन में कीर्ति आचार्य, सोनू अग्रवाल, नम्रता त्रिवेदी, भूमिका त्रिवेदी, विभूति व्यास सहित सैकड़ों महिलाओं ने समर्थन किया।
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