
पटना। बिहार का मौसम इन दिनों मानो किसी रंग बदलते कैनवास की तरह हो गया है,कभी झुलसाती धूप, कभी हल्की फुहार और कभी बादलों की क्षणिक मौजूदगी। मगर मौसम विभाग का दावा है कि अब यह असमंजस थमने वाला है और तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। 19 अगस्त को मौसम का मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। कहीं तेज धूप तो कहीं बादल छाए रह सकते हैं। बिहार मौसम सेवा केंद्र के अनुसार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और पूर्वी चंपारण में मध्यम बारिश हो सकती है। शेष जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, लेकिन ज्यादातर जिलों का मौसम शुष्क रहेगा। तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा।20 अगस्त से मानसून की गति तेज़ होने जा रही है, जिसका असर सबसे पहले उत्तर और पूर्वी जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और चंपारण में दिखेगा।
बीते कुछ दिनों से राज्य के कई हिस्सों में मौसम की दोहरी चाल देखने को मिली। दिन में तपिश ने लोगों को बेहाल किया तो रात में बूंदाबांदी से राहत मिली. लेकिन 20 अगस्त से मॉनसून ट्रफ और चक्रवातीय सक्रियता बढ़ने के साथ ही आसमान से पानी की झड़ी लगने वाली है। 21 अगस्त तक यह असर पूरे बिहार में दिखने लगेगा। मौसम विभाग ने पटना से लेकर गया, दरभंगा, मधुबनी और सीतामढ़ी तक लगभग 20 जिलों में ठनका और तेज़ हवाओं का अलर्ट जारी किया है।
सबसे गंभीर स्थिति 22 और 23 अगस्त को बन सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इन दो दिनों में भारी से अति भारी वर्षा कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ सकती है। पटना, गया, औरंगाबाद और कैमूर जैसे दक्षिण बिहार के जिले हों या फिर सीतामढ़ी, सुपौल, कटिहार और किशनगंज जैसे उत्तर बिहार के इलाके हर जगह तेज़ बारिश का असर महसूस होगा।
फिलहाल उमस भरा मौसम लोगों के लिए परेशानी बना हुआ है. सोमवार को राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि दरभंगा राज्य का सबसे गर्म जिला बना हुआ है. हालांकि, 20 अगस्त की शाम से ही कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी शुरू होने की संभावना है, जो धीरे-धीरे मूसलाधार बारिश का रूप ले लेगी।
इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. बिजली गिरने की आशंका को देखते हुए मौसम विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि गरज-चमक के दौरान वे खुले मैदान, पेड़ और बिजली के खंभों से दूर रहें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में जलजमाव न होने दें और फसलों की निगरानी करते रहें।
बिहार के आसमान में आने वाले दिनों में पानी का ऐसा कहर बरपने वाला है, जो न सिर्फ लोगों की दिनचर्या बिगाड़ेगा बल्कि फसलों की किस्मत भी तय करेगा। अब उम्मीद और चिंता, दोनों ही बादलों से टकराकर बरसने को तैयार हैं।
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