
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने दौसा के लालसोट के एक अस्पताल में प्रसूता की मौत पर केस दर्ज होने के बाद डॉ. अर्चना शर्मा के सुसाइड करने के सवाई माधोपुर के खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल सहित अन्य से जुडे मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के 20 फरवरी 2025 के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। वहीं मामले में राज्य सरकार व विधायक गोठवाल सहित अन्य आरोपिताें से जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. अर्चना शर्मा के पति सुनित उपाध्याय की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए। हाईकोर्ट ने इस मामले में 20 फरवरी को आदेश जारी कर विधायक गोठवाल के खिलाफ एडीजे कोर्ट लालसोट, दौसा के 9 फरवरी 2022 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें उनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मामले को वापस संबंधित एडीजे कोर्ट को भिजवाते हुए कहा कि वह नए सिरे से मूल चार्जशीट व पूरक चार्जशीट के आधार पर नए आदेश पारित करे।
प्रार्थी के अधिवक्ता अजय चौधरी ने बताया कि एसएलपी में कहा गया है कि मामले में अग्रिम अनुसंधान तो हो सकता है, लेकिन पुन: अनुसंधान नहीं हो सकता। इसके अलावा हाईकोर्ट ने विधायक गोठवाल के खिलाफ तय किए गए आरोप का आदेश रद्द किया है, लेकिन इसके साथ ही अन्य आरोपियों के आरोप तय करने या नहीं करने के संबंध में भी मामला वापस ट्रायल कोर्ट को भिजवाया है। वहीं हाईकोर्ट ने केस के साक्ष्यों पर भी विचार नहीं किया है और ऐसा करना गलत है। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए गोठवाल सहित अन्य से जवाब मांगा है।
You may also like
कॉफ़ी पीने का सही वक़्त क्या है, इसे खाने के साथ लें या बाद में
यूपी से आई बड़ी खबर! योगी ने कड़क CO अनुज चौधरी को थमाया ट्रांसफर का नोटिस, अब इस जिले का सौंपा कमान..
Lucknow: शादी से पहले भाई ने बनाया हवस का शिकार, ससुराल पहुंची बहन तो...
IPL 2025: KKR vs RR, मैच-53 इन खिलाड़ियों के बीच देखने को मिलेगी जबरदस्त भिड़ंत
भारत को 2047 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की 'ऑरेंज इकोनॉमी' बनने का लक्ष्य रखना चाहिए : किरण मजूमदार शॉ